हर विस क्षेत्र में मुख्यमंत्री मोबाइल क्लिनिक
मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री मोबाइल क्लीनिक योजना को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना के मुताबिक प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में मोबाइल एंबुलेंस चलाई जाएंगी। इनमें विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा फार्मासिस्ट और नर्सों की भी तैनाती होगी। इस मोबाइल एंबुलेंस में टेस्ट कराने और वेंटिलेटर की सुविधा भी मिलेगी। इस योजना के शुरू होने से मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में मरीजों की भीड़ भी कम हो सकेगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट भाषण में मोबाइल एंबुलेंस चलाने की घोषणा की थी। स्वास्थ्य विभाग ने करीब 70 एंबुलेंस खरीदने का प्रस्ताव तैयार किया है। उल्लेखनीय है कि अगर कोई वाहन हादसा होता है तो ऐसी स्थिति में भी इन मोबाइल एंबुलेंसों को मौके पर भेजकर घायलों का इलाज किया जाएगा।
पुलिस कांस्टेबलों को राहत
कैबिनेट ने वर्ष 2015-16 में नियुक्त पुलिस कांस्टेबल की श्रेणियों को 1 जनवरी, 2022 से लागू हिमाचल प्रदेश (संशोधित वेतनमान) नियम-2022 जो कि 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी हैं, के अंतर्गत कांस्टेबल को नोशनल आधार पर उच्च प्री रिवाइज्ड पे-बैंड और ग्रेड पे प्रदान करने का निर्णय लिया है। कांस्टेबल अब संबंधित फैक्टर में वेतन निर्धारण के लिए अपना विकल्प दे सकेंगे और उसी अनुसार संशोधित नियमों के अंतर्गत उन्हें एरियर का भुगतान किया जाएगा।
एसएमसी शिक्षकों को एक साल का सेवा विस्तार, परिवहन निगम खरीदेगा 200 नई बसें
कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के सत्र के पीरियड आधार पर नियुक्त एसएमसी शिक्षकों की सेवाएं जारी रखने का भी फैसला लिया है। ऐसे 2555 शिक्षक प्रारंभिक शिक्षा और उच्च शिक्षा इन दोनों ही विभागों में सेवाएं दे रहे हैं। वहीं, परिवहन निगम के बेड़े में 200 नई बसें और 5 टेंपो ट्रैवलर जुड़ेंगे। कैबिनेट ने बसों की खरीद के लिए स्वीकृति प्रदान की है। इन बसों की खरीद के लिए निगम 6.71 फीसदी की दर ब्याज से 69 करोड़ रुपये लोन ले सकेगा।
औद्योगिक विकास नीति में संशोधन
कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश औद्योगिक विकास नीति-2019 व हिमाचल प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन के लिए प्रोत्साहन, रियायतें एवं सुविधाएं प्रदान करने संबंधी नियम-2019 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की। साथ ही औद्योगिक निवेश नीति-2019 को 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ाने को भी स्वीकृति प्रदान की। कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया है कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत महिलाओं व दिव्यांगों को मिलने वाले अनुदान को बढ़ाकर 35 प्रतिशत व अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को मिलने वाले अनुदान को बढ़ाकर 30 फीसदी किया गया।
इसके अतिरिक्त उन्नत डेयरी विकास परियोजना में राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में न्यूनतम तीन गायों, तीन भैंसों की इकाई व राज्य के अन्य क्षेत्रों में न्यूनतम पांच गायों, पांच भैंसों की इकाई को शामिल करने की स्वीकृति दे दी गई। इस गतिविधि के अलावा पशुओं की खरीद पर अनुदान देने को भी मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त यंत्रीकृत कृषि उपकरण, खेती के लिए उपयोग किए जाने वाले कंबाइन और हार्वेस्टर, ट्रैक्टर को छोड़कर) गतिविधियों को भी मंजूरी दे दी गई है। जल्द ही विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।