'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- भद्र, जिसका अर्थ है- सभ्य, शिष्ट, सज्जन, श्रेष्ठ। प्रस्तुत है चंद्रकांत देवताले की कविता- किराए की दुनिया और उधार के समय की कैंची से आज़ाद हूँमैं मरने से नहीं डरता हूँ
न बेवजह मरने की चाहत सँजोए रखता हूँ
एक जासूस अपनी तहक़ीक़ात बख़ूबी करे
यही उसकी नियामत हैकिराए की दुनिया और उधार के समय की
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कैंची से आज़ाद हूँ पूरी तरह
मुग्ध नहीं करना चाहता किसी को
मेरे आड़े नहीं आ सकती सस्ती और सतही मुस्कुराहटें
33 minutes ago